एमबीए से मशरूम किसान तक: मनीष यादव की ₹60 लाख की सफलता की कहानी 🍄💼
अक्सर लोग सोचते हैं कि एमबीए करने के बाद कॉर्पोरेट नौकरी ही सबसे सही रास्ता है।
लेकिन दिल्ली के मनीष यादव ने इस सोच को बदल कर रख दिया।
साल 2019 में, 26 साल की उम्र में, मनीष ने अपने पुराने घर के एक खाली कमरे को मशरूम यूनिट में बदल दिया।
शुरुआत में सिर्फ 50 किलो स्पॉन्स से छोटे स्तर पर बटन मशरूम उगाने लगे।
शुरूआत आसान नहीं थी
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खेती का अनुभव नहीं था
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कई बार नुकसान झेलना पड़ा
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बाजार के उतार-चढ़ाव भी देखे
लेकिन मनीष ने हार नहीं मानी।
उन्होंने सीखते हुए, प्रयोग करते हुए और अपने बिज़नेस नॉलेज का इस्तेमाल करते हुए ग्राहकों का भरोसा जीता।
आज का मनीष यादव का मशरूम फार्म
🌱 36,000–40,000 किलो मशरूम हर साल उत्पादन
🌱 ₹5 लाख मासिक राजस्व
🌱 50% प्रॉफिट मार्जिन
🌱 तीन कमरे पूरी तरह मशरूम यूनिट में बदले
दूसरों के लिए प्रेरणा
मनीष सिर्फ मशरूम उगाते ही नहीं, बल्कि दूसरों को ट्रेनिंग भी देते हैं।
आने वाले समय में वे 6 नई यूनिट और अपना कंपोस्ट प्लांट लगाने की योजना बना रहे हैं।
मनीष का संदेश
“अगर आपके पास अपनी जगह है और धैर्य है, तो मशरूम की खेती एक स्मार्ट बिज़नेस बन सकती है।”
मनीष की कहानी साबित करती है कि:
✅ बड़ा बिज़नेस शुरू करने के लिए हमेशा बड़ी जगह या पूंजी की ज़रूरत नहीं होती
✅ सही सोच और मेहनत से एक कमरा भी जिंदगी बदल सकता है
